Friday, 6 November 2015


ऊँ नमो आदेश आदेश गुरु जी को मैं आज आपको बता रहा हूँ की कैसे आप वास्तु द्वारा धन संपदा को आमंत्रित करें.. कर्ज और गरीबी से तुरंत छुटकारा पाना चाहते है तो, उत्तर-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व की दीवार का फर्श की तरफ झुकावदार होना बहुत जरूरी है. इससे व्यापार बढ़ता है. धन दौलत की घर में वर्षा होने लगती है.अधिकांश लोग अपने घर के उत्तर-पूर्व के कोने में आग,चूल्हा,कुकिंग गैस, ज्योत, हवन आदि की व्यवस्था करते है.जो बिलकुल ही गलत होता है. इस कोने में आग से सम्बन्धित कोई भी काम नहीं होना चाहिए.जेनरेटर, गीजर, बायलर, भट्टी की गर्मी तक भी इस कोने में नहीं आनी चाहिए. 08401744232 अपने घर के हर कमरे में उत्तर-पूर्व की ओर ढलान रखें. इससे गयी खुशहाली भी लौट आती है. दक्षिण-पश्चिम भाग की ऊँचाई और उत्तर-पूर्व की ओर का ढलान घर में सुख शान्ति को बहाल करने वाला होता है. घर के उत्तर-पूर्व में पानी का दरिया, झील, या तालाब हो तो व्यक्ति को अमीर बनते देर नहीं लगती है. 08401744232 आपके आवासीय भवन या फेक्ट्री के भवन में उत्तर-पूर्व का कोना कटा हुआ है तो आपकी उन्नति किसी भी प्रकार से नहीं हो अक्ती है. अर्थात उन्नति के मार्ग में अनेक बाधाए उत्पन्न हो सकती है. उत्तर-पूर्व में यदि ऊँचा चबूतरा भी है तो दुनिया के सारे कष्ट आपको भोगने ही है.उत्तरी क्षेत्र का कटाव उस भवन में रेह्न्र वाले, पुरुषों को बर्बाद कर देता है. और पूर्वी क्षेत्र का कटाव स्त्रियों को भारी कष्ट प्रदान कर देता है.हमेशा याद रखे कि कैसीभी स्थिति हो कभी भी भूल कर उत्तर-पूर्व को ऊँचा ना रखें. यदि है तो इसे ठीक करवा देने में ही भलाई होती है. बिजनेस बहुत ही यदि मन्दा पढ़ गया हो तो दक्षिण की चाहरदीवारी के मुंडेर पर ईंटो की चिनाई करवा कर उसे ऊँचा कर दे, इससे व्यापार में तेजी आनी शुरू हो जायेगी. और उत्तरी दीवार को नीचा राखे, कहने का मतलब यह है कि ऊँची उत्तरी दीवार व्यापार को रोकती है, और उसमे बाधा उत्पन्न करती है. उत्तरी फर्श और उत्तरी दीवार को ठीक करके आप बंद पड़े व्यापार को भी एक गति दे सकते है. घर का भवन या फेक्ट्री का भवन बनाते समय सबसे बाद में उत्तरी दीवार बनवायें. 8401744232 भवन के उत्तरी वायव्य, पश्चिमी, नैऋत्य, दक्षिणी नैऋत्य, और पूर्वी आग्नेय में यदि द्वार होता है तो, धन के लिए यह शुभ नहीं होता है. इस दिशाओं में खिड़कियाँ, दरवाजे, रोशनदान, बंद करा दें और हवा एवं प्रकाश तक भी इन दिशाओं में न आने दें. अन्यथा प्राप्त धन या अपनी जमा पूँजी भी खत्म हो जाती है. भवन का उत्तरी भाग ऊँचा न रखे इससे दुर्भाग्य पूर्ण हवाए उत्पन्न होती है. और घर का दक्षिण-पश्चिम भाग नीचा ना रखे, और यहां कुआं, अंडरग्राउण्ड टैंक, बौरवेल, आदि भी ना लगाए. इससे जानलेवा ऊर्जा पैदा होती है. और इस बात का भी हमेशा ध्यान रखे कि भवन के बीचो बीच में कुआं, टैंक, बोरवेल, बेसमेंट, आदि नहीं होना चाहिए. इनसे घर के लोगो का दुर्भाग्य शुरू हो जाता है. अगर आपकी कोई भी समस्या या सुझाव है तो आप मुझे मेरे वटस ऐप नंबर पे मैसज करें 8401744232 जय महाकाली

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